Stand Up India Scheme: कैसे पाएं 1 करोड़ तक का लोनस्टैंड अप इंडिया स्कीम एक शानदार मौका है उनके लिए जो अपना बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं। यह स्कीम भारत सरकार ने 2016 में लॉन्च की थी। इसका उद्देश्य SC, ST और महिलाओं के बीच एंटरप्रेन्योरशिप को प्रमोट करना है। इस स्कीम के तहत एलिजिबल लोगों को 10 लाख से 1 करोड़ तक का लोन मिल सकता है। यह लोन कॉलैटरल-फ्री है, मतलब इसके लिए आपको कोई सिक्योरिटी या गारंटी देने की जरूरत नहीं है।
QUICK INFROMATION
कैटेगरी | विवरण |
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लॉन्च ईयर | 2016 |
एलिजिबल ग्रुप्स | SC, ST, महिलाएं, ओबीसी/माइनॉरिटी (महिलाओं के नाम पर) |
लोन अमाउंट | 10 लाख से 1 करोड़ तक |
कॉलैटरल | कॉलैटरल-फ्री |
गवर्नमेंट लोन कवरेज | प्रोजेक्ट कॉस्ट का 85% |
बिज़नेस टाइप | मैन्युफैक्चरिंग, सर्विसेस, ट्रेडिंग, एग्रीकल्चर सपोर्टिंग बिज़नेस |
एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया | उम्र 18+ साल, प्रोजेक्ट कॉस्ट 25 करोड़ से कम, पिछला लोन रिपेमेंट सही होना चाहिए |
ज़रूरी डॉक्यूमेंट्स | आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी, पासपोर्ट, पासपोर्ट साइज फोटो, बिज़नेस एड्रेस प्रूफ, पार्टनरशिप डीड (अगर पार्टनरशिप है), बैलेंस शीट पिछले 3 साल की |
अप्लाई कैसे करें | बैंक के जरिए, स्टैंड अप मित्रा पोर्टल पर ऑनलाइन |
कौन एलिजिबल है?
- SC/ST एंटरप्रेन्योर: जो लोग शेड्यूल्ड कास्ट (SC) और शेड्यूल्ड ट्राइब्स (ST) कैटेगरी में आते हैं।
- महिला एंटरप्रेन्योर: किसी भी कैटेगरी की महिलाएं जो नया बिज़नेस शुरू करना चाहती हैं।
- माइनॉरिटी कैटेगरी: ओबीसी (OBC) या दूसरी माइनॉरिटी कैटेगरी में आने वाले लोग भी इस स्कीम का फायदा ले सकते हैं। अगर कोई पुरुष ओबीसी या माइनॉरिटी में है, तो वह अपनी पत्नी के नाम पर अप्लाई कर सकता है। लेकिन 51% बिज़नेस महिला के नाम होना चाहिए।
इम्पॉर्टेंट कंडीशंस
- नया बिज़नेस: बिज़नेस नया होना चाहिए। इसका कोई पुराना एक्सिस्टेंस या लेगेसी नहीं होनी चाहिए।
- ओनरशिप: 51% बिज़नेस महिला के नाम होना चाहिए अगर माइनॉरिटी कैटेगरी के तहत अप्लाई कर रहे हैं।
- लोन कवरेज: गवर्नमेंट प्रोजेक्ट कॉस्ट का 85% तक लोन प्रोवाइड करती है। बाकी 15% एंटरप्रेन्योर को खुद देना होगा।
किन बिज़नेस को कवर किया गया है?
- मैन्युफैक्चरिंग: फूड प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल्स, फर्नीचर प्रोडक्शन।
- सर्विसेस: आईटी सर्विसेस, टूरिज्म, हेल्थ केयर, एजुकेशन रिलेटेड सर्विसेस।
- ट्रेडिंग: होलसेल, रिटेल, डिस्ट्रीब्यूशन बिज़नेस।
- एग्रीकल्चर: एग्रीकल्चर सपोर्टिंग बिज़नेस जैसे वेयरहाउसिंग, ट्रांसपोर्टेशन, एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स की प्रोसेसिंग।
कैसे अप्लाई करें?
स्टैंड अप इंडिया स्कीम के तहत अप्लाई करने के दो मुख्य तरीके हैं:
- बैंक्स के जरिए: किसी भी पार्टिसिपेटिंग बैंक में जाकर अप्लाई कर सकते हैं। बैंक आपको एप्लीकेशन प्रोसेस और जरूरी डॉक्यूमेंट्स के बारे में बताएगा।
- स्टैंड अप मित्रा पोर्टल: ऑनलाइन अप्लाई करने के लिए स्टैंड अप मित्रा पोर्टल पर जा सकते हैं। तरीका इस प्रकार है:
- स्टैंड अप इंडिया पोर्टल पर जाएं।
- लेफ्ट साइड में “Apply Here” ऑप्शन पर क्लिक करें।
- अपना नाम, ईमेल एड्रेस और मोबाइल नंबर एंटर करें।
- आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक OTP आएगा। इसे एंटर करके वेरिफाई करें।
- वेरिफिकेशन के बाद आपकी डिटेल्स नजदीकी बैंक को भेजी जाएंगी। बैंक ऑफिशियल आपसे संपर्क करेगा और डॉक्यूमेंटेशन व एप्लीकेशन प्रोसेस को समझाएगा।
जरूरी डॉक्यूमेंट्स
लोन के लिए अप्लाई करने के लिए निम्नलिखित डॉक्यूमेंट्स चाहिए:
- आईडेंटिटी प्रूफ: पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, या वोटर आईडी कार्ड।
- एड्रेस प्रूफ: ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आईडी कार्ड, या इलेक्ट्रिसिटी बिल।
- बिज़नेस प्रूफ: बिज़नेस एड्रेस का प्रूफ। अगर पार्टनरशिप है तो पार्टनरशिप डीड।
- फाइनेंशियल डॉक्यूमेंट्स: पिछले 3 साल की बैलेंस शीट।
- एडिशनल डॉक्यूमेंट्स: बैंक जरूरत के हिसाब से और डॉक्यूमेंट्स मांग सकता है।
लोन अप्रूवल प्रोसेस
लोन अप्रूवल प्रोसेस में कई स्टेप्स होते हैं:
- डिस्ट्रिक्ट लीड मैनेजर: डिस्ट्रिक्ट लीड मैनेजर आपकी मदद करेगा लोन अप्रूवल में। वे बैंक को कन्विंस करते हैं आपके लोन को सैंक्शन करने के लिए।
- लोन अमाउंट: अगर लोन अमाउंट ₹10 लाख से ₹25 लाख है, तो 3 से 6 हफ्ते लग सकते हैं। ₹25 लाख से ज्यादा के लोन के लिए 6 हफ्ते या उससे ज्यादा भी लग सकते हैं।
लोन का उपयोग
लोन अमाउंट सिर्फ बिज़नेस पर्पस के लिए यूज करना है। इसे पर्सनल यूज के लिए नहीं कर सकते। बैंक सभी ट्रांजैक्शंस को मॉनिटर करता है। आपको एक RuPay कार्ड दिया जाता है जिससे आप ट्रांजैक्शंस कर सकते हैं। इससे बैंक ट्रैक करता है कि आपने लोन अमाउंट का सही उपयोग किया या नहीं।
एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
- उम्र: आपकी उम्र 18 साल से ऊपर होनी चाहिए।
- प्रोजेक्ट कॉस्ट: बिज़नेस प्रोजेक्ट कॉस्ट 25 करोड़ से नीचे होनी चाहिए।
- पिछला लोन: अगर आपने किसी भी बैंक से लोन लिया है और उसे रिपे नहीं किया है, तो आप इस स्कीम के तहत एलिजिबल नहीं हैं।
स्कीम के फायदे
- कोलैटरल-फ्री लोन: कोई सिक्योरिटी देने की जरूरत नहीं है।
- हाई लोन अमाउंट: 1 करोड़ तक का लोन मिल सकता है।
- मार्जिनलाइज्ड सेक्शन के लिए सपोर्ट: SC, ST और महिलाओं के लिए एंटरप्रेन्योरशिप को प्रमोट करता है।
- ईजी अप्लाई प्रोसेस: बैंक्स या ऑनलाइन पोर्टल के जरिए सिंपल स्टेप्स में अप्लाई कर सकते हैं।
- गवर्नमेंट सपोर्ट: गवर्नमेंट का सपोर्ट होने से ट्रस्ट बढ़ता है।
निष्कर्ष
स्टैंड अप इंडिया स्कीम SC, ST और महिलाओं के लिए एंटरप्रेन्योरशिप को प्रमोट करने के लिए एक पावरफुल इनिशिएटिव है। यह बिना किसी कोलैटरल के बड़ा लोन अमाउंट देता है, जिससे मार्जिनलाइज्ड सेक्शन अपने बिज़नेस को शुरू कर सकते हैं। अगर आप एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को पूरा करते हैं और आपके पास एक सॉलिड बिज़नेस आइडिया है, तो यह स्कीम आपके एंटरप्रेन्योरियल ड्रीम्स को रियलिटी में बदलने का एक शानदार मौका हो सकता है। ऊपर बताए गए स्टेप्स को फॉलो करें और एक सफल बिज़नेस वेंचर की ओर पहला कदम बढ़ाएं।
याद रखें, सफलता की कुंजी एक वेल-थॉट-आउट बिज़नेस प्लान और लोन अमाउंट का सही उपयोग करना है। गाइडलाइंस का पालन करें और अपनी ट्रांजैक्शंस को ट्रांसपेरेंट रखें। यह न केवल कंप्लायंस सुनिश्चित करता है, बल्कि आपके बिज़नेस के लिए एक मजबूत फाउंडेशन भी बनाता है।