आशा सेविकांसाठी १० लाख रु. अनुदान योजना | Asha Worker 10 Lakh Vima Anudan Yojana : आशा वर्कर्स के काम की इंपॉर्टेंस को देखते हुए महाराष्ट्र गवर्नमेंट ने 10 लाख रुपये के अनुदान योजना की अनाउंसमेंट की है। इस योजना में, अगर किसी आशा वर्कर की ड्यूटी करते वक्त एक्सीडेंटल डेथ हो जाती है या वो परमानेंट डिसएबल्ड हो जाती है, तो उन्हें फाइनेंशियल हेल्प दी जाएगी। इस योजना का मकसद आशा वर्कर्स को मोटिवेशन देना और उनकी सेफ्टी के लिए फाइनेंशियल सपोर्ट प्रोवाइड करना है।
आशा सेविकांसाठी १० लाख

योजना का इंपॉर्टेंस
आशा वर्कर्स और गटप्रवर्तक रूरल एरियाज में हेल्थ सिस्टम का इंपॉर्टेंट पार्ट हैं। वे मदर-चाइल्ड हेल्थ, फैमिली प्लानिंग, और दूसरी हेल्थ सर्विसेज के लिए घर-घर जाकर सर्विस प्रोवाइड करते हैं। ये वर्कर्स रेगुलरली होम विजिट्स करते हैं, प्रेग्नेंट वुमन को गाइड करते हैं, और पेशेंट्स को हेल्थ सेंटर तक ले जाते हैं। उनके इस हार्ड वर्क की वैल्यू समझते हुए, गवर्नमेंट ने ये अनुदान योजना लॉन्च की है।
क्या है 10 लाख रु. अनुदान योजना?
गवर्नमेंट के डिसीजन के अनुसार, अगर किसी आशा वर्कर की ड्यूटी करते वक्त एक्सीडेंटल डेथ हो जाती है, तो उनके फैमिली को 10 लाख रुपये का अनुदान मिलेगा। इसके अलावा, अगर किसी आशा वर्कर को परमानेंट डिसएबल्ड हो जाता है, तो उन्हें 5 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा। इस योजना का मकसद उनके फैमिली को फाइनेंशियल हेल्प देना और वर्कर्स के लिए एक स्ट्रॉन्ग सेफ्टी नेट प्रोवाइड करना है।
योजना की इंप्लीमेंटेशन
ये गवर्नमेंट डिसीजन 1 अप्रैल 2024 से इफेक्टिव हो चुका है। इस योजना के लिए हर साल करीब 15 करोड़ रुपये का बजट सैंक्शन किया गया है। ये फंड एडिशनल बजट से प्रोवाइड किया जाएगा। योजना की इंप्लीमेंटेशन के लिए हर जिले के हेल्थ डिपार्टमेंट को एक्टिवली काम करना होगा।
योजना के बेनेफिट्स
इस योजना के मेन बेनेफिशियरीज आशा वर्कर्स और गटप्रवर्तक होंगे। उन्हें उनके काम की इंपॉर्टेंस फील होगी और उनकी सेफ्टी भी इंश्योर होगी। इसके अलावा, उनके फैमिली को इस योजना से फाइनेंशियल सपोर्ट मिलेगा, जिससे उनका फ्यूचर सिक्योर रहेगा।
जीआर की इंपॉर्टेंट इंफॉर्मेशन
26 अगस्त 2024 को गवर्नमेंट ने इस संबंध में जीआर (गवर्नमेंट रिजोल्यूशन) जारी किया है। इस जीआर में आशा वर्कर्स और गटप्रवर्तक के काम की इंपॉर्टेंस हाईलाइट की गई है। इसमें मेंशन किया गया है कि ये अनुदान सिर्फ एक्सीडेंटल डेथ या परमानेंट डिसएबिलिटी के केस में ही दिया जाएगा।
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योजना का यूज़ कैसे करें?
आशा वर्कर्स या उनके फैमिली मेंबर्स को इस योजना का बेनिफिट लेने के लिए लोकल हेल्थ सेंटर से कॉन्टैक्ट करना होगा। इसके बाद, उन्हें जरूरी डॉक्यूमेंट्स सबमिट करने होंगे, जिसमें डेथ सर्टिफिकेट या डिसएबिलिटी सर्टिफिकेट शामिल होगा। इसके बाद, हेल्थ सेंटर इस एप्लीकेशन की वेरिफिकेशन करेगा और एप्रूव्ड केस में फंड रिलीज़ किया जाएगा।
इंपॉर्टेंट नोटिस
ये योजना सिर्फ उन इन्सिडेंट्स के लिए है जहां आशा वर्कर की ड्यूटी करते वक्त एक्सीडेंटल डेथ होती है या परमानेंट डिसएबिलिटी होती है। इसलिए, वर्कर्स को अपने ड्यूटी करते वक्त सेफ्टी का खास ध्यान रखना चाहिए और सभी प्रीकॉशन लेना चाहिए।
योजना का वाइडर इम्पैक्ट
इस योजना का इम्पैक्ट सिर्फ फाइनेंशियल हेल्प तक लिमिटेड नहीं है, बल्कि ये सोसाइटी की हेल्थ सर्विसेज पर भी असर डालेगा। आशा वर्कर्स और गटप्रवर्तक के काम की इंपॉर्टेंस और भी बढ़ जाएगी, जिससे उनके एरिया में ज्यादा से ज्यादा लोगों को हेल्थ सर्विसेज मिलेंगी। गवर्नमेंट के इस डिसीजन से आशा वर्कर्स का कॉन्फिडेंस बढ़ेगा और उनके काम में नया जोश आएगा।
योजना की इंप्लीमेंटेशन के लिए आगे के स्टेप्स
योजना की इंप्लीमेंटेशन स्मूथली करने के लिए लोकल हेल्थ सेंटर को वर्कर्स को योजना के बारे में सही जानकारी देनी चाहिए। उन्हें सही गाइडेंस और जरूरी हेल्प प्रोवाइड करनी चाहिए। इसके अलावा, वर्कर्स के ट्रेनिंग में सेफ्टी पर खास ध्यान देना चाहिए, जिससे एक्सीडेंट्स की संख्या कम हो सके।
कन्क्लूजन
आशा वर्कर्स और गटप्रवर्तक के लिए 10 लाख रुपये का अनुदान योजना एक इंपॉर्टेंट स्टेप है। इस योजना से उनके काम की इंपॉर्टेंस को पहचाना जाएगा और उन्हें फाइनेंशियल सपोर्ट मिलेगा। गवर्नमेंट के इस योजना से रूरल एरियाज में हेल्थ सिस्टम में सुधार की उम्मीद है।